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दर्द का हमने दिलो-जाँ पे असर देख लिया / लाल चंद प्रार्थी 'चाँद' कुल्लुवी
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13:08, 29 फ़रवरी 2012
मंज़िले-शौक़ ने अंजाम-ए-सफ़र देख लिया
हमने भी
अज़्मे-
मुसम्मम<ref>पक्के इरादे</ref> का असर देख लिया
और बढ़ता गया बेताब इरादों का हुजूम
द्विजेन्द्र द्विज
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