|रचनाकार=श्रद्धा राम फिल्लौरी
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पं. श्रद्धाराम शर्मा (या ''' [[श्रद्धा राम फिल्लौरी]] ''') (१८३७-२४ जून १८८१) लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे के रचयिता हैं।
==जन्म==
पं. श्रद्धाराम शर्मा का जन्म पंजाब के जिले जालंधर में स्थित फिल्लौर शहर स्थान नगरोटा बगवाँ में हुआ था। उनके पिता जयदयालु खुद एक अच्छे ज्योतिषी थे। उन्होंने अपने बेटे का भविष्य पढ़ लिया था और भविष्यवाणी की थी कि यह एक अद्भुत बालक होगा। बालक श्रद्धाराम को बचपन से ही धार्मिक संस्कार विरासत में मिले थे।
उन्होंने सात साल की उम्र तक गुरुमुखी में पढाई की। दस साल की उम्र में संस्कृत, हिन्दी, फ़ारसी तथा ज्योतिष की पढाई शुरु की और कुछ ही वर्षो में वे इन सभी विषयों के निष्णात हो गए। उनका विवाह सिख महिला महताब कौर के साथ हुआ था। २४ जून १८८१ को लाहौर में उनका देहावसान हुआ। पं. श्रद्धाराम शर्मा (या ''' [[श्रद्धा राम फिल्लौरी]] ''') (१८३७-२४ जून १८८१) लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे के रचयिता हैं। इस आरती की रचना उन्होंने १८७० में की थी। वे सनातन धर्म प्रचारक, ज्योतिषी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संगीतज्ञ तथा हिन्दी और पंजाबी के प्रसिद्ध साहित्यकार थे। अपनी विलक्षण प्रतिभा और ओजस्वी वक्तृता के बल पर उन्होने पंजाब में नवीन सामाजिक चेतना एवं धार्मिक उत्साह जगाया जिससे आगे चलकर आर्य समाज के लिये पहले से निर्मित उर्वर भूमि मिली। 1 जीवन परिचय 2 कार्यक्षेत्र 3 विरासत 5 सन्दर्भ ग्रन्थ 6 बाह्य सूत्र 7 संदर्भ जीवन परिचय
==रचनाएँ==