चिड़ियाघर की पहरेदारी
बाज़ों ने पाई,
रंगे सियारों भेड़ों की निगरानी बाघों के हिस्से में राजसभा आई,
घायल श्वेत कबूतर, चीलें,
भरती फिरें उड़ान ।
हिलना डुलना भूल गए हैं,
पीपल के पत्ते,
बाजीगर थोथी बातों के बतधर श्रंगालों ने पाया घोषित हुए महान कुर्सी का सम्मान ।
क्या होगा फिर तेरा मेरे
प्यारे हिन्दुस्तान ?
</poem>