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तनातनी के इस मौसम में
कैसे नीम जिये?
 
जिनकी पूजा कल तक करते
थे दिन दिन भर लोग
जाने कैसे उन्हेें उन्हें लग गया
यह संक्रामक रोग
इनके हाथ कुल्हाड़ी है वो
आरा हाथ लिये
 
अपनी अपनी फिकर सभी को
करे फैसला कौन
आगे खुदीं खाईयाँ पीछे
गहरे खुदे कुँये
 
जिनकी शीतल छाया कल तक
लगती थी अभिराम
यहाँ वहाँ हर जगह दिख रहे
फैले हुये धुँये
 
तनातनी के इस मौसम में
कैसे नीम जिये?
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