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एक अकेला अंगूठा / विजय गुप्त
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विजय गुप्त
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एक अकेले अंगूठे ने
वसीयत कर दी सारी अंगूठियां
घूमती रहेगी पृथ्वी
अकेले अंगूठे के टेक पर।
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[[]]
Dr. ashok shukla
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