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दिल के दीवार-ओ-दर पे क्या देखा / सुदर्शन फ़ाकिर
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17:40, 28 मार्च 2012
प्यारी को पराई से बदला
कभी क़ातिल कभी ख़ुदा देखा
अपनी सूरत लगी
प्यारी
पराई
सी
जब कभी हमने आईना देखा
गौरव
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