{{KKRachna
|रचनाकार= अंजू शर्मा
|संग्रह=औरत होकर सवाल करती है / अंजू शर्मा
}}
[[Category:कविता]]{{KKCatKavita}}
<poem>
बड़े बाबू आज रिटायर हो गए,
देखते हैं तो घेर लेते हैं वही अंक
और शुरू हो जाती हैं कुछ और गिनतियाँ,
बड़े बाबू आज रिटायर हो गए .................
</poem>