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बात / अजेय

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'<poem>'''कम्यूनिकेशन गैप''' बात ? बात कब हुई हमारे बीच ? तुम ...' के साथ नया पन्ना बनाया
<poem>'''कम्यूनिकेशन गैप'''
बात ?
बात कब हुई हमारे बीच ?

तुम अपनी एक बात दुहराते रहे
मैं अपनी एक बात रटता रहा
तुम अपने किनारे पहुंच गए मैं अपने ।

किसी ने किसी को सुना ही नहीं
बात कब हुई ?

'''ट्राँसमिशन लॉस'''

बात मुंह से निकली
तो अजब बात होगी

बदले सन्दर्भों में
जाने क्या क्या अर्थ लगाए जाएंगे

अच्छा है चुप रहूँ
शब्द खो जाएं
अर्थ छिप जाएं
सीधे दिल से दिल में पहुँचे बात

जैसे आग पहुँचती है
दीये से दीये में


1985
</poem>
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