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मुस्कान / अजेय

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'<poem>पूरी ज़िन्दगी में क्या हो पाया मुझ से सिवा एक संक्...' के साथ नया पन्ना बनाया
<poem>पूरी ज़िन्दगी में
क्या हो पाया मुझ से
सिवा एक संक्षिप्त मुस्कान के
खुलकर रो भी नहीं पाया।
</poem>
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