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तुमसे प्रेम करते हुए-दो / कमलेश्वर साहू
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07:33, 25 मई 2012
तुमसे प्रेम करते हुए
तुम्हारी सुन्दरता के समान
सुन्दर दुनिया चाहता
हंू
हूं
मैं
चाहता हूं मैं
भोली, नेक, अच्छी, छल रहित,
जिसके कदम
डगमगाये मत कभी
विचारों और
संघर्षाें
संघर्षो
की
जमीन पर चलते हुए !
</Poem>
आशिष पुरोहित
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