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चुन्नू का खेल / नंद चतुर्वेदी
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07:35, 1 जून 2012
बल्ला घुमाता है तब भी
एक नजर न आने वाली
गंेद
गेंद
की तरफ
ऐसे भी कोई खेल चलेगा, चुन्नू !
समय नहीं होगा
तुम ऐसे भागे, गिरे
हवा में उड़ती, उछलती
गंेद
गेंद
के लिए
शायद उस समय का
निशान बच जाए कोई
आशिष पुरोहित
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