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ये जुमला बहुत पहुंचे फ़क़ीरों से कहा है / ‘अना’ क़ासमी
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13:46, 1 जून 2012
दुनिया तिरे ईमाँ के तआकुब<ref>पीछे पड़ना</ref> में लगी है
ये सोच के दिल थाम के ये ग़ारे हिरा<ref>वो गुफा सिमें हज़रत मोहम्मद स.अल्लाह का ध्यान करते थे और जहाँ उन्हें ईश्वरीय ज्ञान प्राप्त हुआ</ref>
है
<poem>
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वीरेन्द्र खरे अकेला
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