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|रचनाकार=भगवतीचरण वर्मा
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देखो, सोचो, समझो, सुनो, गुनो औ' जानो<br>
इसको, उसको, सम्भव हो निज को पहचानो<br>
जब-जब थक कर उलझो, तब-तब लम्बी तानो ।<br><br>
</poem>
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