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सन् 1900 ई0 के लगभग [[मासाओका शिकि]] ( 1867-1902) ने विशिष्ट जापानी छंद “होक्कु” को हाइकु (Haiku) का नाम दिया । आज जापान में लाखों लोग इस छन्द में रचना करते हैं । भारत की अनेक भाषाओं के साथ -साथ हाइकु विश्व की सभी प्रमुख भाषाओं में लिखा और पढ़ा जा रहा है । भारतीय साहित्य की उर्वरा भूमि को यह कविवर [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] का जापानी तोहफा है।
==नवीनतम विधा है हाइकु ==
यह सर्वमान्य तथ्य है कि हिन्दी साहित्य और भारतीय कला जगत रचनात्मकता के लिये सीमा के किसी बंधन को नहीं मानता । भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही प्रवासियों द्वारा कला के विभिन्न स्वरूपों को आत्मसात किया गया है।
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