==परिचित और आत्मीय==
महादेवी जैसे प्रतिभाशाली और प्रसिद्ध व्यक्तित्व का परिचय और पहचान तत्कालीन सभी साहित्यकारों और राजनीतिज्ञों से थी। वे महात्मा गांधी से भी प्रभावित रहीं। सुभद्रा कुमारी चौहान की मित्रता कॉलेज जीवन में ही जुड़ी थी। सुभद्रा कुमारी चौहान महादेवी जी का हाथ पकड़ कर सखियों के बीच में ले जाती और कहतीं- "सुनो, ये कविता भी लिखती हैं।" पन्त जी के पहले दर्शन भी हिन्दू बोर्डिंग हाउस के कवि सम्मेलन में हुए थे और उनके घुँघराले बड़े बालों को देखकर उनको लड़की समझने की भ्रांति भी हुई थी। महादेवी जी गंभीर प्रकृति की महिला थीं लेकिन उनसे मिलने वालों की संख्या बहुत बड़ी थी। [[रक्षाबंधन]], [[होली]] और उनके जन्मदिन पर उनके घर जमावड़ा सा लगा रहता था। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला से उनका भाई बहन का रिश्ता जगत प्रसिद्ध है। उनसे राखी बंधाने वालों में सुप्रसिद्ध साहित्यकार गोपीकृष्ण गोपेश भी थे। सुमित्रानंदन पंत को भी राखी बांधती थीं और सुमित्रानंदन पंत उन्हें राखी बांधते। इस प्रकार स्त्री-पुरुष की बराबरी की एक नई प्रथा उन्होंने शुरू की थी। <ref>{{cite book |last= |first= |title= साहित्य धर्मिता|year= अप्रैल 1988 |publisher= |location= भारत|id= |page= |editor: |accessday=5|accessmonth=मई|accessyear=2007}}</ref>वे राखी को रक्षा का नहीं स्नेह का प्रतीक मानती थीं। <ref>{{cite book |last=गोपेश |first= अनिता|title= आजकल(मासिक पत्रिका) अंक-11|year= 2007 |publisher= प्रकाशन विभाग, सूचना भवन|location= नई दिल्ली, भारत|id= |page= 31|editor: प्रवीण उपाध्याय|accessday=5|accessmonth=मई|accessyear=2007}}</ref> वे जिन परिवारों से अभिभावक की भांति जुड़ी रहीं उसमें गंगा प्रसाद पांडेय का नाम प्रमुख है, जिनकी पोती का उन्होंने स्वयं कन्यादान किया था। <ref>{{cite book |last=मालवीय |first= यश|title= आजकल(मासिक पत्रिका) अंक-11|year= 2007 |publisher= प्रकाशन विभाग, सूचना भवन|location= नई दिल्ली, भारत|id= |page= 43|editor: प्रवीण उपाध्याय|accessday=5|accessmonth=मई|accessyear=2007}}</ref>गंगा प्रसाद पांडेय के पुत्र रामजी पांडेय ने महादेवी वर्मा के अंतिम समय में उनकी बड़ी सेवा की। इसके अतिरिक्त इलाहाबाद के लगभग सभी साहित्यकारों और परिचितों से उनके आत्मीय संबंध थे।
==वैवाहिक जीवन==