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बिहारी / परिचय

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/* बाहरी कडियाँ */
अपने काव्य गुणों के कारण ही बिहारी महाकाव्य की रचना न करने पर भी महाकवियों की श्रेणी में गिने जाते हैं। उनके संबंध में स्वर्गीय राधाकृष्णदास जी की यह संपत्ति बड़ी सार्थक है -
यदि सूर सूर हैं, तुलसी शशी और उडगन केशवदास हैं तो बिहारी उस पीयूष वर्षी मेघ के समान हैं जिसके उदय होते ही सबका प्रकाश आछन्न हो जाता है।
 
 
==बाहरी कडियाँ==
* [http://kavyakala.blogspot.com/2006/07/1595-1664.html बिहारी पर लक्ष्मी गुप्त जी का लिखा लेख]
 
[[श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन]]
[[श्रेणी:हिन्दी साहित्य]]
 
 
 
[[sa:बिहारी (साहित्यकार)]]