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मो सम कौन कुटिल खल कामी / सूरदास
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19:41, 2 अक्टूबर 2007
सूर, पतित कों ठौर कहां है, सुनिए श्रीपति स्वामी॥
शब्दार्थ :- कुटिल = कपटी। विषय = सांसारिक वासनाएं।
ग्रामी सूकर =गांव का सूअर। श्रीपति = श्रीकृष्ण से आशय है।
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