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कुरुक्षेत्र में कृष्ण-ब्रजवासी भेंट / सूरदास
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13:27, 3 अक्टूबर 2007
जब जब सुरति होति उहिं हित की, बिछुरि बच्छ ज्यौं धायौ ॥<br>
अब हरि कुरुछेत्र मैं आए , सो मैं तुम्हैं सुनायौ ।<br>
सब कुल सहित नंद सूरज प्रभु, हित करि उहाँ बुलायौ ॥2॥
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वायस गहगहात सुनि सुंदरि, बानी बिमल पूर्ब दिसि बोली ।<br>
Pratishtha
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