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उड़ान वालो उड़ानों पे वक़्त भारी है / वसीम बरेलवी
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04:52, 5 अगस्त 2012
परों की अब के नहीं हौसलों की बारी है
मैं क़तरा
होके
हो के
तूफानों से जंग लड़ता हूँ मुझे बचाना समंदर की
जिम्मेदारी
ज़िम्मेदारी
है
कोई बताये ये उसके ग़ुरूर-ए-
बेजाजा
बेजा
को
वो जंग हमने लड़ी ही नहीं जो हारी है
द्विजेन्द्र द्विज
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