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नदी के द्वीप / अज्ञेय

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|रचनाकार=अज्ञेय
|संग्रह=हरी घास पर क्षण भर / अज्ञेय
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कहीं फिर भी खड़ा होगा नए व्यक्तित्व का आकार।
मात:, उसे फिर संस्कार तुम देना।
 
'''इलाहाबाद, 11 सितम्बर, 1949'''
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