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अनसुने अध्यक्ष हम / किशन सरोज
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08:04, 8 अगस्त 2012
कोई भीड़ से
अश्रु की
उजली
उजड़ी
सभा के,
अनसुने अध्यक्ष हम
ओ कमल की पंखुरी! बिखरो हमारे पास भी ।
लेखनी को हम
बनाएँ
बनाए
गीतवंती बाँसुरी
ढूंढते परमाणुओं की
Lalit Kumar
Founder, Mover, Uploader,
प्रशासक
,
सदस्य जाँच
,
प्रबंधक
,
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