Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल |संग्रह=गीत-वृंदा...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह=गीत-वृंदावन / गुलाब खंडेलवाल
}}
[[Category:गीत]]
<poem>

अब तो छोड़ नहीं जायेंगे!
अबकी बिछुड़ी फिर न मिलूंगी लाख यहाँ आयेंगे

टूट गिरी जो कलिका भू पर
फिर कब उसको पाता तरुवर!
लहर फिरी जो तट से मिलकर
उसको लौटायेंगे

'भले द्वारकाधीश कहायें
इस दुखिया को छोड़ न जायें
नाथ! साथ वृन्दावन आयें
मुझे तभी पायेंगे

'प्रिया आपकी तभी कहाऊँ
बनकर वधु द्वारिका आऊँ
देर हुई आज्ञा दें जाऊँ
संगी अकुलायेंगे
<poem>
2,913
edits