1,036 bytes added,
14:16, 30 अगस्त 2012 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह= नाव सिन्धु में छोड़ी / गुलाब खंडेलवाल
}}
[[Category:गीत]]
<poem>
जीवन गाते-गाते बीते
और पहुँच कर अन्तिम सुर पर सुमनान्जलि-सा रीते
दिन भर सागर-तट पर गाऊँ
बालू के घर बना-मिटाऊँ
गाते ही गाते घर आऊँ
सोच न हारे-जीते
नव नव धुन जागे क्षण-क्षण में
नित नव राग उठे जीवन में
गीतों मे सज दूँ जो मन में
दुख हों मीठे-तीते
जीवन गाते-गाते बीते
और पहुँच कर अन्तिम सुर पर सुमनान्जलि-सा रीते
<poem>