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बादल-२ /गुलज़ार
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18:12, 24 सितम्बर 2012
मैंने पर्दा खींच दिया--
गीला गीला इक हवा का झोंका उसने
फूँक
फूँका
मेरे मुँह पर, लेकिन--
मेरी 'सेन्स आफ ह्युमर' भी कुछ नींद में थी--
मैंने उठकर ज़ोर से खिड़की के पट
Sharda suman
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