Changes

भोर ही न्योति गई ती / बेनी

9 bytes added, 04:47, 1 अक्टूबर 2012
|रचनाकार=बेनी
}}
[[Category:पदसवैया]]
<poeM>
भोर ही नयोति गई ती तुम्हें वह गोकुल गाँव की ग्वालिनी गोरी.
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,130
edits