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17:11, 12 दिसम्बर 2012 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= यमुना प्रसाद चतुर्वेदी 'प्रीतम'
|संग्रह= प्रीतम काव्य रसामृत भाग-१ / यमुना प्रसाद चतुर्वेदी 'प्रीतम'
}}
[[Category: कविता]]
<poem>
बुलायौ है जैसें मो पै करि कें कृपा महान
त्यों ही लोक लाजन के काज अनुसरियो
श्याम लता तेरी ब्रज बिपिन बिलासी बनी
ताके फल ऋद्धि-सिद्धि ही ते भौन भरियो
सिंचन तिहारौ है अकिंचन तरैया मातु
ऐसी दृग कोर द्रवि मेरी ओर ठरियो
'प्रीतम' पहार जन्म-जन्म के जुरे हैं जेते
तेते अरि अघन पछार, छार करियो
</poem>