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प्यार से पौदा कोई आप लगाएं तो सही
फूल बंजर सी ज़मीं पर भी खिलाएं तो सही
अपनी हठधर्मी से परहेज़ करेगा ये 'रक़ीब'
गैर की बाहों में रहकर वो जलाएं तो सही
</poem>
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