गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
समझ नर मन से सब कोई हारा / शिवदीन राम जोशी
13 bytes added
,
05:20, 3 फ़रवरी 2013
|रचनाकार=शिवदीन राम जोशी
}}
{{KKCatPad}}
<poem>
समझ नर मन से सब कोई हारा।
Kailash Pareek
514
edits