गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
सम्भावनाएँ / अज्ञेय
No change in size
,
06:35, 22 मार्च 2013
{{KKCatKavita}}
<poem>
अब आप हीं सोचिये कि कितनी
सम्भावनाएं
सम्भावनाएँ
हैं
कि मैं आप पर हँसूं और आप मुझे पागल करार दे दें.
याकि आप मुझ पर हँसें और आप हीं मुझे पागल करार दे दें.
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,132
edits