Changes

कबीर दोहावली / पृष्ठ १

3 bytes added, 06:40, 6 अप्रैल 2013
सार-सार को गहि रहे, थोथ देइ उड़ाय ॥ 58 ॥ <BR/><BR/>
लागी लगन छूटे नहिंनाहिं, जीभ चोंच जरि जाय । <BR/>
मीठा कहा अंगार में, जाहि चकोर चबाय ॥ 59 ॥ <BR/><BR/>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits