गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कबीर दोहावली / पृष्ठ १
3 bytes added
,
06:40, 6 अप्रैल 2013
सार-सार को गहि रहे, थोथ देइ उड़ाय ॥ 58 ॥ <BR/><BR/>
लागी लगन छूटे
नहिं
नाहिं
, जीभ चोंच जरि जाय । <BR/>
मीठा कहा अंगार में, जाहि चकोर चबाय ॥ 59 ॥ <BR/><BR/>
Mani Gupta
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits