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कबीर दोहावली / पृष्ठ ८
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|सारणी=दोहावली / कबीर
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सेवक सेवा में रहै, सेवक कहिये सोय ।
कहैं कबीर सेवा बिना, सेवक कभी न होय ॥ 701 ॥
Sharda suman
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