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कबीर के पद / कबीर
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03:13, 15 अप्रैल 2013
रहना नहीं देस बिराना है।
यह संसार कागद की
पुडि़या
पुड़िया
, बूँद पड़े घुल जाना है।
यह संसार कॉंट की बाड़ी, उलझ-पुलझ मरि जाना है।
डा० जगदीश व्योम
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