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<poem>
चल बन्नी इस घर से बैठ मोटर में
सज्जन सजन घर जाना है -२  कैसे चलु साजन के घर ओ कहार -२ दादा जी खड़े आंगन में लाज-शर्म मुझे आती हैताऊ जी खड़े आंगन में लाज-शर्म मुझे आती है
कैसे चलूँ सजन के घर ओ कहार -२
दादा जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
ताऊ जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
चल बन्नी इस घर से बैठ मोटर में
सज्जन सजन घर जाना है-२ कैसे चलु साजन के घर ओ कहार -२ पापा जी खड़े आंगन में लाज-शर्म मुझे आती हैचाचा जी खड़े आंगन में लाज-शर्म मुझे आती है
कैसे चलूँ सजन के घर ओ कहार -२
पापा जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
चाचा जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
चल बन्नी इस घर से बैठ मोटर में
सज्जन सजन घर जाना है -२  कैसे चलु साजन के घर ओ कहार -२ फूफा जी खड़े आंगन में लाज-शर्म मुझे आती हैमामा जी खड़े आंगन में लाज-शर्म मुझे आती है
कैसे चलूँ सजन के घर ओ कहार -२
फूफा जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
मामा जी खड़े आँगन में लाज-शर्म मुझे आती है
चल बन्नी इस घर से बैठ मोटर में
सज्जन सजन घर जाना है -२
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