गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कोई भी तज़्किरा या गुफ़्तगू हो / पवन कुमार
70 bytes added
,
02:45, 27 अप्रैल 2013
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=
पवन कुमार
|संग्रह=वाबस्ता /
पवन कुमार
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
कोई भी तज़्किरा या गुफ़्तगू हो
तेरा चर्चा ही अब तो कू-ब-कू हो
Mani Gupta
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits