गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
ख़ून फिर ख़ून है / साहिर लुधियानवी
No change in size
,
03:59, 30 अप्रैल 2013
जिस्म मिट जाने से इन्सान नहीं मर जाते
धड़कनें रूकने से अरमान नहीं मर जाते
सॉंस
साँस
थम जाने से ऐलान नहीं मर जाते
होंठ जम जाने से फ़रमान नहीं मर जाते
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,137
edits