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इस तरह तो / बालस्वरूप राही
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04:52, 2 मई 2013
यह अकेलापन, अँधेरा, यह उदासी, यह घुटन
द्वार
ती
तो
हैं बंद भीतर किस तरह झाँके किरण।
बंद दरवाज़े ज़रा-से खोलिए
तो ह्रदय का घाव ख़ुद भर जाएगा।
एक
सीढ़ीहै
सीढ़ी है
ह्रदय में भी महज
चर
घर
में नहीं
सर्जना के दूत आते हैं सभी होकर वहीं।
Sharda suman
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