Changes

आधार / नीरज दइया

928 bytes added, 00:33, 16 मई 2013
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नीरज दइया |संग्रह=उचटी हुई नींद / ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नीरज दइया
|संग्रह=उचटी हुई नींद / नीरज दइया
}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>क्या आपने
कभी किसी पेड़ को देखते हुए
सोचा है जड़ के बारे में ?

मुझे देखते हुए
सोचते हैं कुछ मित्र.....
मेरे कवि पिता के बारे में

कभी सोचाना -
मेरे पुत्र के विषय में
जिसे मैं
बिना कविता के पसंद हूं

प्रेम पालता है देह को
कविता चेतना को!
मैं यहां लिख रहा हूं
यह समय का सत्य है
....शेष रहेगी कविता</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits