717 bytes added,
01:02, 16 मई 2013 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नीरज दइया
|संग्रह=उचटी हुई नींद / नीरज दइया
}}
{{KKCatKavita}}<poem>किसी का होना
सुख है
किसी का नहीं होना
सुख है
हो तो यह भी
सकता है-
किसी का होना नहीं होना
हो एक दुख
पर साथ रखें हम
उसे सुख की तरह।
उसका नहीं होना
होगा दुख
चाहत है हमें उसी की
करते हैं इंतजार
किसी सुख की तरह।</poem>