}}
खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने मेमें<br>एक पुराना खत खोला अनज़ाने मेमें<br><br>
जाना किसका जिक्र है इस अफ़साने मेमें<br>दर्द जब मज़े लेता है जो दुहराने मेमें<br><br>
शाम के साये बालिस्तो बालिस्तों से नापे हैं<br>चाँद ने कितनी देर लगा दी आने मेमें<br><br>
रात गुज़रते शायद थोड़ा वक्त लगे<br>
दिल पर दस्तक देने ये कौन आया है<br>
किसका किसकी आहट सुनता है वीराने मे ।<br><br>