* [[दिनोंदिन / बसंत त्रिपाठी]]
* [[ / बसंत त्रिपाठी]]
अक्टूबर के आरंभ की बरसती साँझ
अवांछित
आँकड़े
इंतजार
ईश्वर
करतब
कहना
घड़ी
घर और पड़ोस
दुनिया की महान उपलब्धियों के लिए एक शोकगीत
दुनिया की रफ्तार से बाहर खड़े लोगों के लिए
नम आँखें
पराजित भाषा-विमर्श
बेचैनी
बिके हुए लोग
भाषा
मैं पानी हूँ
राष्ट्र-द्रोही
लोकतंत्र
स्मृति
साइकिल सवार
साजिंदे
</sort>