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{{KKShayar}}
* [[ अज़ब ख़्वाबों से मेरा राबता रक्खा गया / जावेद अनवर]]* [[अजीब सानेहा गुज़रा है इन घरों पे कोई / जावेद अनवर]]* [[बे-तुकी रौशनी में पराए अँधेरे लिए / जावेद अनवर]]* [[मेरी तहरीरों का महवर एक बे-सर फ़ाख़्ता / जावेद अनवर]]* [[मुहीब रात के गुंजान पानियों से निकल / जावेद अनवर]]* [[फिर अपनी ज़ात की तीरा-हदों से बाहर आ / जावेद अनवर]]* [[निकल गुलाब की मुट्ठी से और ख़ुश-बू बन / जावेद अनवर]]