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19:19, 20 अक्टूबर 2007 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अनिल जनविजय
|संग्रह=माँ, बापू कब आएंगे
}}
महामहिम ने बयान दिया
संसद में
"धीरे-धीरे मर रहा है कलकत्ता"
तुमने अपनी डायरी में लिखा कवि
"कलकत्ता एक मरा हुआ नगर है"
एक और कवि ने लिखा
"खिलौने की तरह ले जायेगी मृत्यु हमें"
और
मैं देख रहा हूँ
धीरे-धीरे मर रहा है मेरा देश
एक नया जीवन पाने की ख़ातिर