गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
रश्मिरथी / पंचम सर्ग / भाग 7
68 bytes added
,
03:38, 8 जुलाई 2013
}}
<poem>
"पाकर न एक को, और एक को खोकर,
मैं चली चार पुत्रों की माता होकर।’’
कह उठा कर्ण, ‘‘छह और चार को भूलो,
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,132
edits