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क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी / हरिवंशराय बच्चन
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06:10, 9 जुलाई 2013
चल रहे ऐसी डगर पर,
हर पथिक जिस पर अकेला,
दुख नहीं
बंटते
बँटते
परस्पर,
दूसरों की वेदना में
वेदना जो है दिखाता,
Sharda suman
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