गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
पुष्प की अभिलाषा / माखनलाल चतुर्वेदी
No change in size
,
12:28, 9 जुलाई 2013
चाह नहीं, सम्राटों के शव
पर, हे हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के
शिर
सिर
पर,
चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ!
मुझे तोड़ लेना वनमाली!
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,148
edits