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{{KKShayar}}
* [[ देख मोहन तेरी कमर की तरफ / शाकिर 'नाजी']]* [[देखी बहार हम ने कल ज़ोर मय-कदे में / शाकिर 'नाजी']]* [[दिल का खोज न पाया हरगिज़ देखा खोल जो क़ब्रों को / शाकिर 'नाजी']]* [[कमर की बात सुनते हैं ये कुछ पाई नहीं जाती / शाकिर 'नाजी']]* [[लब-ए-शीरीं है मिस्री यूसुफ़-ए-सानी है ये लड़का / शाकिर 'नाजी']]* [[तेरे भाई को चाहा अब तेरी करता हूँ पा-बोसी / शाकिर 'नाजी']]* [[ज़िक्र हर सुब्ह ओ शाम है तेरा / शाकिर 'नाजी']]