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बारिश / परवीन शाकिर
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03:59, 22 जुलाई 2013
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<poem>
बारिश में क्या तन्हा भीगना लड़की !
उसे बुला जिसकी चाहत में
तेरा तन-मन भीगा है
प्यार की बारिश से बढ़कर क्या बारिश होगी !
और जब इस बारिश के बाद
हिज्र की पहली धूप खिलेगी
तुझ पर रंग के इस्म
खुलेंगे ।
खुलेंगे।
Sharda suman
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