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शिव पूजा / शर्मिष्ठा पाण्डेय
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'मंदार पुष्प'
अर्पित करती हूँ तुम्हें
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"
आशुरोष
''
"
जान
जल्दी कुपित हो जाते हो ना
प्रिय है ना तुम्हें मंदार
Sharda suman
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