Changes

एक बोसा / कैफ़ी आज़मी

15 bytes added, 02:12, 5 अगस्त 2013
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
जब भी चूम लेता हूँ उन हसीन आँखों को
सौ चराग अँधेरे में जगमगाने लगते हैं
लम्हें भर को ये दुनिया ज़ुल्म छोड़ देती है
लम्हें भर को सब पत्थर मुस्कुराने लगते हैं.
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,132
edits