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इंसानी फितरत / लालित्य ललित
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04:02, 12 अगस्त 2013
जो हमारे
आपके पास नहीं
‘‘एक
"एक
अलग तरह का मक्खन
चिरौरी करने का अंदाज़
पैर दबाने की
कला’’
कला"
- और आप चक्कर में
आ जाते हैं !
सभी भुक्त भोगियों के
चेहरे लटके मिलें
लंगड़े आम की
तरह ।
तरह।
</Poem>
Sharda suman
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